चारों ओर पेड़ों में फूलों से लबालब डालियां हो, फ्यूली, बुरांश,खुबानी, पुलुम, और बासिग के फूलों संग हजारी, कुनूरी, और अनगिनत फूल जवां हो, नये साल का आगमन का आगाज़ फूलों की मदहोश करने वाली खुशबू से होता हो, भंवरों की गुनगुनाहट से दिन की शुभ शुरुआत हो,हल्की ठंडी और सुकोमल सूर्य की किरणों से आलम सराबोर हो रहा हो, बचपना याद दिला जाती ये ऋतु कभी देली देली चावल और फूलों से पूजने का मौका हमे भी मिला था, हर गांव के हर घर से मंगल आसीस हमने भी पायी थी, ये अंदेशा है फूलों के त्यौहार का , संदेशा है उत्तराखंड के लोकपर्व फूलदेई पर्व की शुभकामनाएं, बुधवार 1५ मार्च २०२३.. *आपसे न्रम अनुरोध है आप पहाड रहे या प्रवास मे रहे कल फूल संक्रांति को अपनी देली को दीवाली पर्व जैसे फूलो💐🌸🌺🪷🌷🌹💐🌻🌼🌸🌸🪷🪷🌸🌸🌻🌻🌻 से संजाकर पर्वतीय लोकपर्व का संदेशा अपनी आने वाली पीढी को दे, अपने आस पडोस को भी अवगत करवाये अपनी महान लोकसंस्कृति से।*🙏
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