मंगलवार, 27 दिसंबर 2022

श्री विनोद पंत जी की कविता

कम्पनी वाल कर दिनी अणकसी काव्  ,
तीन रुपैं चिप्स में  भरनी सात रुपै हाव् | 
रैपर में काजू बदाम भीतर ढूढण पडौं ,
दाज्यू इनार चक्कर में खिम्मू दुकानदार कैं जै सुणण पणौ ||
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हर तीन  म्हैण में रेट बढै दिनन 
हर तिसार दिन भीतरक माल घटै दिनन | 
हात पुजन नै खाप्  खाली पैकेट सुंघण पडौं ,
दाज्यू इनार चक्कर में खिम्मू दुकानदाल कैं जै सुणण पडौं ||
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सात ग्राम क पैकेट में लेखनन तैतीस परसेन्ट फिरी  ,
एक पैकेट लूछला दूसर जां चिरी 
फिर स्टेपलर लगै बेर पैकेट सिणण पडौं 
दाज्यू इनार चक्कर में खिम्मू दुकानदार कैं जै सुणण पडौं ||
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तुरतुरे सुरसुरे टेडा मेडा सोया अनाप सनाप 
रंगील चंगील पैकेट खायो पेट खराब 
नानतिन जिद करनी फिर झुकण पडौं 
दाज्यू इनार चक्कर में खिम्मू दुकानदार कैं जै सुणण पडौं ||
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लोग रैपर खेडि दिनी चिप्स खैबेर 
नालि में बुज लागि जां गन्दगी ढेर 
फिर यो नुकसान सबन कें भुगतण पडौं 
दाज्यू इनार चक्कर में खिम्मू दुकानदार कैं जै सुणण पडौ ||
       #विनोदपन्त_खन्तोली

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