मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

प्रशासनिक नव वर्ष २०२०

*बैशक आज हमर कैलैंडर बदली गो
ना तो ऋतु बदल ना मौसम बदल

ना पेडोंक पत्त बदल र
ना पेडोंमे ए रो पौ 

31st मनूहू डान डानै दौडें र

ना तो ठण्ड हावक रुख बदल
फिर ले हम खुद कै बदलते जारु
क्यें कूणे य धरा हमूहू ना हम सूण पारु

जब य धरा आपूण वर्ष पूर करेलि
प्रकृति हमूहू इत्रे ईत्रे बे कोलि

नो पत्त पौ फूलोंक चूनर ओढेलि
चाढ चहचहाल पक्षी गुनगुनाल

जब धरा मे नई ऊर्जाक संचार होल 

तब समझ जया नई साल ऐगों
किलेकी तबै नो फसल कटेलि

जब फूलदेई नवरात्रि मनेलि
तबे नई सालेक सौगात मनेलि*

२०२०प्रशासनिक नव वर्ष क आपू सबू के हार्दिक शुभकामनाए 

कविता- देवेन्द्र सती
पपनैपुरी बटि

गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

काबें

[26/12, 8:52 PM] Dev Sati: प्रस्तुत छ कुमाऊनी कविता 
          
       *काबें*

मै भारतक नागरिक छु
मिके़ लड्डू द्विये हाथ चै

बिजूलि में बचूल ना 
बिल मिकें माफ चै

पेड़ में लगूल ना 
मौसम मिके साफ चै

शिकैत मे करूल ना
कारवाई जल्दी चै

बिन लिई दिये के काम नि करु
पर भ्रष्टाचार क अंत चै

घरों भ्यार दलदर खैडूल
गौ बाखई साफ चै

काम करुल ना महैणम दस दिन
मजूरी दस हजार चै

लोंन मिलो बिल्कुल सस्त
बचत पर ब्याज बढी चै

जाति क नाम पर वोट दिबैर 
अपराध मुक्त राज्य चै

खैती बाडीं करुल ना
प्याज रुपै किलों चै

कविता-देवेन्द्र सती(मस्त पहाडीं)पपनैपुरी
 Dev Sati: https://youtu.be/SHYjieeme9c

सोमवार, 11 नवंबर 2019

कुमाऊनी दोहे

🙏🏻प्रस्तुत छ कुछ कुमाऊनी दोहै 

म्येरि भय बाधा हरिया हे गोल्ज्यू महाराज

कुमाऊनी दोहे पढ़ लिया विचार कर ल्या आज

हिन्दी हू प्यार छ कुमाऊनी हू परहेज
माथ बे इंडियन देखिरई
भतेर बै अंगरेज

अंधविश्वास मे घेरि रई इच्छा तोडि़  मरोडिं
निक्मबिल बनी रई घरोंक काम काज छोडि

अंध धर्म विश्वास मे फस गो इन्सान 
निर्जीवों के मार बे बन गो हैवान

अगर चुनावी वैद पूर कर दयेली सरकार
इंतजार क मौज सब है जाल बेकार

अगर लिरों कर्ज तो क्यै छ इमें हर्ज
जधिन मिलल तुमुकें माग ल्या पूराण कर्ज

आपण स्वारथ साधिबैर जनता के दिनी कष्ट
भष्ट्र आचरण करनी जो उ नेता हूनी भष्ट्र

कलम क गलती माफ करिया
दिल दुखुणक विचार न्है
दोहे भाल लागला तो शेयर करणि मददगार चै


धन्यवाद

बुधवार, 6 नवंबर 2019

𝔻𝕖𝕖𝕨𝕒𝕝𝕚

 सबै ईष्ट मित्रों कै दिवाई हार्दिक शुभकामनॉए।।🙏🏻

एक दिवाई रात एक दी हू है मुलाकात

पूछों विक इठलाति टिमटिमाती लौ हू

तुमार अनुसार क्ये मायनै छू य दिवाई क

विल क जो अंधकार क एक टुकुड आपु मे समेै ल्यों

हाव बै लडबैर आपु हस्ति बचै ल्यों

यसिकै ही ईठलाति टिमटिमाती रो

उई जलणि वालि एक लौ  नाम छु दिवाई

जो भष्टाचार बै लडनैैक ताकत जुटे ल्यों

युवाओंक शक्ति कै आपणि ऊर्जा बनै ल्यों

जो कोई लाचार कै आपुण अंगाव लगै ल्यों

यसिकै दिलों मे दौडुणि वालि एक करुणा क नाम छु दिवाई

जो छोटि छोटि बातों मे छिपी खुशियों के पछ्याण ल्यों

यसिकै ही हर आत्मा मे बसणि वालि एक मासुमियतक  नाम छु दिवाई

जो हर दगडियोक दर्द के आपण बनै ल्यों

कोई दुश्मन के ले आपण दोस्त बनै ल्यों

यसिकै ही हर रिस्तों मे घुलऩि वालि एक मिठास क नाम छ दिवाई

जो चारों ओर फैली अंधकार,भय,निराशा,दर्द के जलै बैर --------
रौशनी,खुशी,मुस्कुराहट,आशा,इंसानियत,मानवताक सुविचारैक किरण फैलोणि वालि तुमरै जसै एक टिमटिमाती लौ नाम छु दिवाई ।।


शनिवार, 2 नवंबर 2019

म्यर पहाड़



           🏞म्यर पहाड़🏞

ओरे पहाड़ म्यर पहाड़
कतु भलि लागि त्यरि य ठण्डी बयार
त्यार काफों हिसाऊ घिगांर किलमोड़
खाहू मन करु बारबार

त्यार स्याप जास सड़क
शेरुक गीच जा पाणिक नोउक नल
ठण्ड मिट्ठ पाणिक लिजीक तरसू बारबार

बाटोंक बाट उबड़ खाबड़
बाटों मे पिरुवेक बहार
उ सिढिदार हांग
क्वे ठूल ठूल क्वे नान नांन

फरफराणि हावक जोर 
उ घुघुतीक मार्मिक शोर
सुणुहू मन करु बारबार
ओरे पहाड़ म्यर पहाड़

उ गोलू भूमियक मन्दिरक भेट पखोव

कतु भल लागू हरिया बाजाणिं स्योव

भात दगे पाऊवक काप भटाक डुबुक
खाण हू मन करु बारबार

ओरे पहाड़ म्यर पहाड़
आब तो सुण ले तु म्यरि पुकार

शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

य दिवाई लौटि आवों पहाड़



य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़

१ - अन्यार मे डूबी छ म्यर पहाड़
सार पहाड़म छ पलायनैक मार

बुड़ बाढियाक रोम रोम मे

मची छ आज चित्कार
य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़
तबै जगमगाल म्यर पहाड़

२- चिमोडि़  आखोंक ताव बटी
झिलमिल उज्याव ता़कें रों
द्वि  र् वटाक क खातिर मे
पहाडो़ं के छोडि जाणो
ईज बोज्यूक प्यार दुलार
य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़ ।
बुड बाढियों के भेटि आला खे जला च्यूडूक त्यार

३-हवाई तवाई छोडी बे
पकड़ ल्यों जीब कार
लौटि आवों तुम पहाड़
अलबैर मिलबैर मनूल
दिवाईक य पावन त्यार।
य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़

जय जय देवभूमि
जय जय उत्तराखण्ड
ज़य जय पहाड़

दिवाई हार्दिक शुभकामनॉओं सहित 


गुरुवार, 17 अक्टूबर 2019

करवॉ चौथ की मारि पहाडी़ ब्वारी

करवॉ चौथ की मारी हमरि पहाडी़ ब्वारी

जून (चन्द्रमा) ले उई छ
ब्योल(घरवाल) ले उई छ
पर बदय्ल है लो ब्वारियूल आपूण रुप

दगडियों मे मची आ हौड़ छू
ज्यादा खर्च करूहू
बजार हू दौड़ छू

भौत दिन पैली शुरु है जै तैय्यारी
ब्वारि घूमनी बजार
घर समावें सासु बैचारी

ब्योंल कर्ज मे डूब रो
घरवाई के खुशी करणक  चक्करम
भान कुन के बैच रो

अच्यालाक ब्वारी ब्योले पर ऐसान करनी
दिन भर भूक रैबैर ब्योले के परशान करनी

क्येलेकी करवॉ चौथेक मारि हमरि पहाडो़क ब्वारी
करलि तु अब छठ पुजेक ले तेय्यारि

आ बनणैछै पंजाबी फिर बनली बिहारी

बस पहाडी़ संस्कृति अपनूणम तुके शरम लागी भारी

करवॉ चौथ वर्त वाल नक झन मानिया🙏🏻

दक्षिणा

व्हाटसप द्वारा प्राप्त पोस्ट------

यजमान-  पंडितजी, बेटे ने 10 पास कर ली हैं बताए कौन सा क्षेत्र इसके लिए अच्छा रहेगा।

पंडित जी- इसकी पत्रिका मे सी ए बनने के योग हैं इसे सी ए बनाए।
*पंडित जी की दक्षिणा 200/ परंतु दक्षिणा केवल 51/रु दी गयी।*

सन् 2010 –
यजमान - पंडित जी , आपकी कृपा से बेटा सी ए बन गया हैं आपने बताया भी था। अब ज़रा नौकरी के विषय मे भी बता देते।

पंडितजी – इसे आगामी माह मे नौकरी मिल जानी चाहिए बस ये एक छोटा सा उपाय करवा दीजिएगा।
*पंडितजी की दक्षिणा -500/परंतु दक्षिणा 101 रु दी गयी ???*
अगले माह 30,000 रु प्रति माह की नौकरी भी प्राप्त हो गयी।

सन् 2013 –
यजमान- पंडितजी बेटा विवाह नहीं कर रहा हैं ?

पंडितजी - इसकी पत्रिका मे प्रेमविवाह की संभावना हैं संभवत: इसी कारण विवाह करने मे आना कानी कर रहा हो , प्यार से बैठा कर पूछिये कोई लड़की पसंद होगी जिस कारण ऐसा हो रहा हैं |

यजमान- पंडित जी लड़की पसंद बताता तो हैं क्या करे??
पंडित जी- उसी कन्या से उसका विवाह कर दीजिये सही रहेगा,हो सके तो उस कन्या की पत्रिका दिखा दीजिएगा
*पंडितजी की दक्षिणा 1001/ परंतु दक्षिणा 200 रु दी गयी |*

सन् 2015 –
यजमान-  पंडितजी आपकी दया से बेटा 70,000 रु प्रति माह कमा रहा हैं , शादी भी हो गयी हैं।
एक बेटी भी हैं, बेटा कब होगा यह बताए ???

पंडितजी- इसकी पत्रिका मे गुरु ग्रह का श्राप हैं जिस कारण बेटे का होना मुश्किल जान पड़ता हैं।
यजमान- हैं ऐसा कैसे पंडितजी हमने या हमारे किसी भी बुजुर्ग ने कभी भी किसी ब्राह्मण,विद्वान तथा गुरु का अपमान नहीं किया हैं गुरु ग्रह का श्राप कैसे लग सकता हैं “

*पंडितजी – इसके पूर्वजो ने अपने पंडित को कभी भी पंडित के कार्य का दक्षिणा नहीं दिया जिस कारण ऐसा हैं।*

नही - नहीं पंडितजी,,  आपसे देखने मे ग़लती हो रही हैं।

*पंडितजी –सही कह रहे हैं आप....*
*हमसे देखने मे ही ग़लती हो रही होगी यह बेटा जब 10वी मे था और अब 70,000 रुपये प्रति माह कमा रहा हैं। शादी, बच्चा भी हो गया परंतु पंडित जी को अब तक आपने 352 रुपये ही दिये हैं शायद आपके पिता ने भी आपके लिए ऐसा ही किया होगा जिस कारण ऐसा हो रहा हैं।

ये कटु सत्य है पिछले 20 साल में महंगाई कहाँ से कहाँ पहुँच गयी लेकिन नही बढ़ा तो पण्डित की दक्षिणा ........?

*लोग आज भी बड़े बड़े पूजा अनुष्ठान के संकल्प और आरती में चढ़ाने के लिये एक रूपये का सिक्का ही ढूंढ कर लाते है।*

नोट-  कुछ दिन ऐसा दिन आने वाला है की ब्राह्मण इस पूजा पाठ के कार्य को छोड़ देगा लोग की ऐसी मानसिकता रही तो कुछ दिन में कोई ब्राह्मण दान भी नही लेगा, और  ये मानसिकता समाज  छोड़ दे की ब्राह्नण कभी गरीब था भागवतपुराण  में साफ लिखा है की पृथ्वी का एक मात्र देवता ब्राह्मण है ,

आज लोग इसलिये इतना कष्ट भोग रहे है की लोग ब्राह्मण को घटिया से घटिया सामग्री , अनुपयोगी वस्त्र दान और उचित दक्षिणा नहीं दे रहे है, कुछ ही वर्षो में ब्राह्मण का दर्शन दुर्लभ हो जायेगा ऐसा बहुत जल्द होने वाला है और जो पूजा करवाऐंगे वो किसी भी तरह के लोग होंगे होंगे।

*शादी में लोग  10-12 लाख रुपये सिर्फ शानौशौकत के लिए उड़ा देंगे। ढोली बैंडबाजे वाले को छः महिने पहले  बुक करके 21-31000 हजार रुपए एक डेढ घंटे के लिये दे देंगे । डीजे व शराब में बर्बाद करके अपनी ही बहन बेटियों को नचायेंगे और ये सारा मांगलिक मुहूर्त कार्यक्रम तय करने वाले ब्राह्मण पंडित को जो इसका रचनाकार और धूरी है उस विप्र श्रेष्ठ को 1100 रुपए में ही निपटाने का भरसक प्रयास करेंगे।*  *तब कौन ब्राह्मण का पुत्र यह संस्कार अपनायेगा ???*

मेरी बातों का गलत मतलब न समझें। *ब्राह्मण  को तन मन धन से सम्मान दें।*

मंगलवार, 3 सितंबर 2019

सैणी बगैर मैस छन बैकार

सैणिक  बगैर मैंस छन बेकार

मैंसो  कै हमेशा सैणियुक दगड़  चै

चाहै  मन्दिर मे हो या य दुणि संसार मे

मन्दिर मे>>>>>>>>
कृष्ण दगड़  मे राधा
राम दगड़ सीता
शिवज्यू  दगड़  पार्वती

य दुणि मे>>>>>

पढ़न तका  विद्या
आजीविका हेतु लछ्मी
और अंत मे चै शांति

दिनैक  शुरुआत मे>>>>>
ऊषा

दिनैक  समाप्ति सन्ध्या

काम तो अन्नपूर्णा लि जी

रात निशा निंदिया रानी दगड़ मे

सितणक बाद सपना

मंत्रोचार मे गायत्री

ग्रन्थ मे गीता

मंदिरो मे भगवानुक  सा मणि>.>
वंदना,पूजा, अर्चना, आरती,आराधना,और ले यू सब श्रद्धा क दगड़ मे

अन्यार  मे ज्योति

यकेले  मे स्नेहा

लड़े मे जया ,विजया

बुढ़ापा मे करुणा ,ममता

गुस्स  मे छमा 

येक लिजी  तो धन्य छु स्त्री जाति

मिकै  आशा छु आपु लोग म्यरि भावना समझ गो हनला  !!!!

सोमवार, 22 अप्रैल 2019

पुराण जमान क नई फैशन

||पुराण जमानक नई फैशन||

चल रो कलयुगी टैम
ज्यूून पराणियों कै भैमे भैैम

दनादन सब दौड री 

 आपूण संस्कृति के छौडे री ।

पली बटिक टाल वाल पैंट मे शरम लागछी।
आज टाल लगई जींस हजार मे खरिदै री

बिन फैशनै जीवन कस।
अनपढ गवॉर मुर्ख जस।

आड त्यरछ जस लै हो।
उल्ट सीध कस लै हो।

बस नई फैशने के देखने रो।।

चाहै है जो अंग प्रदर्शन ।
पर नी ओ फैशन मे अड़चन।

फैक हैलो लाज शरम उतारि।
कर हैलि हमरि संस्कृति पर प्रहार।

मर्यादा मे सब भाल।
घाम पाणी हाव रोल।

दि भगवानुल सुन्दर रुप।
किलै बणुछा इकै कुरुप।

छोड द् यो फैशने के पिछाडी।

आपण संस्कृति के अपनाया।
झन चलिया दोहरोक पिछाडी।

तुमर बाटं तुमी बनाया।।।


रविवार, 7 अप्रैल 2019

हिन्दू नव वर्ष विक्रमी संवत

🚩विक्रमी संवत् २०७६ परिधावी  संम्वतसर हिन्दू नव वर्ष क हार्दिक मंगलकामनॉ🚩

पेड नौ पत्त, नौ फूल,नौ फलों मे झूम जनी

हिन्दू धर्म मे नई साल प्राकृतिक बदलाव बटि  औनी

नई साल मे नई पहल हैजो

हमर कठिन जिंदगी और सरल हैजो

अणसूनी बातों क हल हैजो 

जो हिटाल  टैम  देखबेर 
आघिल उई सफल हैजो

सुखमय तुमार पटॉगणक हर पल
हैजो

सबु  लि जी नई साल मंगलमय हैजो🙏🏻

🚩हिन्दू नव वर्षेक हार्दिक मंगलकामनॉ 🚩

देव सती
पपनैपुरी  बटी

रविवार, 31 मार्च 2019

मुबैल और नैट क जाव

मुबाईल और नैट  क जाव 

पैली  बटी  रत्ति उठते ही ईज  बोज्यू क खुटा  पडछी

आब ऑख खुलते ही मुबाईल दैखनी

खाण खान्ता  ले मुबैल  मे इतु  बिजी  है रुनी 
र् वाट साग  म  ना पाणिम  डोबि  बै  खै  जनि

पैली  बै  याददाश्त ले तेज हूछी
आब सबै मुबैलम सेव करण पडनी

करछा क्यै  दिनों दिन मुबैलैकि रैम बढती जारे 
ए दूहरैहू राम राम घटती जारे

गुल्ली डंडा कबड्डी खो खो बाघ जा विलुप्त हैगि
टेम्पल रन पॉकेमॉन पब जी जास गेम ऐ गी

गेम खेलणम इतु  मस्त हैगि
पॉकेमॉन ढुडन ढुडने आपूई हरैगी
जैनूके  गुगल दय्पत ले नी ढुड  सकनी

यई मुबैललै मैसुक  हातै  घडी छीनी
कतुवाकि कूड  बाडी छीनी

य मुबलल नीन  हराम कर हैली

आब क्वे  कुरो  चैटिंग छोडों
क्वै कुरो  फ्यास  बुक छोडों

जब ज्यादें  परशान  होला ने त फिर कोला मुबल  छोडों

मुखड चाहे स्मार्टनेस नी हल
मुबल  स्मार्ट चैल

कविता- देवेन्द्र सती
पपनैपुरी  पाखुडा

हिन्दू नव वर्ष

आहा  जमान  भूल गी हमार रीत******

अंग्रेजी नव वर्ष उण  मे द्वी  महैण पैली
आपु आपु हू रोज नई नई   शुभकामनॉ संदेश भेजी करनी
पत्त  ना य हिन्दू नव वर्ष कै कसी भूलि  जनि
नई नई प्रकार ल आपु आपुहू शुभकामनॉ  दिनी

हटो  ना पिछाडी  लगावो  ना दौड

शुभकामनॉ  दिहू  आब त लाग ली  हौड़

याद ज दिवै हैली🙏🏻

विक्रमी संवत् २०७६ हिन्दू नव वर्ष क भौतिक भौत  हार्दिक शुभकामना छु आपु सबै कै

कडिक-देवेन्द्र सती
पपनैपुरी  पाखुडा

रविवार, 17 मार्च 2019

हैप्पी होली

निकल पड गे मस्त नान तिनोंक टोलि

सबुक जुबान पर इक्के बोलि

हैप्पी होलि  हैप्पी होलि

फिर सजै  रंगो महफिल
प्यारैक  धार बनेली  होई

होईक होल्यार  कतु  छी

रंग बिरंगी रंगुक बौछार कतु  छी

अरे पहाड तरफ आओ
तुमार मुखडि  पर रंग लगूणि भोत  छ

कब तक घर गौ बै  रुठी रोला

मन मे न छल कपट हो
भौत  उच्च हमर मनोबल हो

अंतर मन ले स्वच्छ हो
सुरत अगर छ प्यारी भोलि

होई मे रंग त जरुर लागोल  गोरी

हैप्पी होई हैप्पी होली

आपु सबै रंगील  लोगों के  होईक हार्दिक शुभकामनॉए

देवेन्द्र सती

शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2019

पुलवामा शहीदों को समर्पित

😢🇮🇳😡

पुलवामा शहीदों के भावभीनी श्रद्धांजलि

दिन ढल रात होलि

सारि दुणि मे भारत की बात होलि

जो सैनिक शहीद है गई उनरि बात होलि

आतंकवादियों के ऐल जबाव नि मिलों त

पुलवामा जा आई कई वारदात होल

जो सैनिक शहीद है गई उनरि त ना क्यै बात होलि

न्यूज चैनलों मे खालि बीजेपी कांग्रेस

आपु आपूहू एक दूहराक माथ बै आरोप होल

आज हमर भारतक झण्ड ले सोचन हूनोल

की फहरई कम जनू लपटि ज्यादें जनू

आखों मे अब आँसू क सैलाब नी चलल

भौत अंधेर हैगों नफरत क सैलाब नी चलल

न पंजाब मै चलल न कश्मीर मे चलल

आब त्यर आतंकवाद नी चलल

भारत की सहन शक्ति सहन करणी सीमा लॉध ल्येलि य पीड़

अनगिनत हथियार बन जालि य भीड़

आतंकी संगठन और इनूके पनपुणि वाल देश

आब त्यर य हैवानियत क सब हिसाब होल

एक सर्जिकल स्ट्राइक हैगै

आब कतु  अनगिनत  सर्जिकल स्ट्राइक होल

श्रद्धांजली स्वरुप भारत क वीर शहीदों कै समर्पित कविता😢😢🇮🇳🇮🇳😡😡

गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

भै बैणियों त्यार रक्षा बंधन

रंग बिरंगी मन्क जडि

रक्छा सज गे छोटी बडी़

समेटि धाग मे स्नेह अपार

आ भै बैणियोक त्यार

अटूट बंधन गैर प्यार

क्वै भै बैणी छै घरों मे

क्वै लिखै पंक्ति चार

जो दाद भूली छ सात समुन्दर पार

सबुकै रक्छा बंधनैक शुभकामना छू यार



कविता - देवेन्द्र सती
पपनैपुरी

१५ अगस्त

🙏🏻सबै फौजी जवानों और सबै भारतीय मित्रों के स्वतंत्रता दिवस क हार्दिक शुभकामनॉए।🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

        प्रस्तुत छ कविता
     🇮🇳 पन्द्रह अगस्त🇮🇳

ऐ म्यर भारतीय बंधु

ना हिन्दू बन ना मुसलमान

नी बन तु भ्रष्टाचारक गुलाम

बस एक भल इंसान बन
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

यस क्वै कर करम

नी ओ तिकै क्वै शरम

इतु सुन्दर जीवन दिरों

हमुकै य अंग्रेजी फैशन ल अंध कर है ल
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

हमूलै जौश भरी जवानी कै क्ये समझों

य आजादिक हमूल कै मोल समझों

भारत मॉ तुकै सलाम

तिरंगा छु म्यरि शान🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮
भारत मॉ क दुलार

हिन्दु मुस्लिम नी करों मार मार

भारत मॉ क प्यार कै नी बनाओ इतु गैर

विक लिजी सब एक समान।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

सब मिलबै रो यमई छ भारतेकशान

कै हिन्दू के मुसलमान
कै सिक्ख कै इसाई
हम सब छु भाई भाई

🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
कतु वीरु ल दी बलिदान
तबै य दैश ह भारत महान

वन्दैमातरम्
जय हिन्द
जय भारत
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनॉओ सहित

कविता -देवेन्द्र सती
पपनैपुरी पाखुडा़

हर्याव एक उत्तराखण्डि त्यार

प्रणाम

लोक पर्व हर्याव

हर्याव आई हर्याव आई

चौ दिशी बहार आई

भ्यार जाई नान घर आई

चैली बेटी मैत आई

सोणाक महैन हर्याव क त्यार आई

जी रया जाग रया बची रया

हर साल हर्याव मनूनें रया

सोण मनाया हर्याव

भादों तीज त्यार

कार्तिक मनाया दिवाई

फागुन उडाया गुलाल

क्वे दिल्ली क्वे मुबंई क्वे बैगलोंर रुछा

घरवाल खुशि तब हुछी

जब य हर्याव घर उछिया

पैली ना डर ना चोरि सब बैखोफ छी

उतराखण्डी सभ्यता लै गजब छी

हर्याव फुलदैयी घ्यू संग्रात घुघुती याक त्यार छी

नाखेक नथूली हाथोंक पौजी महिलाओंक श्रृगार छी

लाग हर्याव लाग दशै लाग बगवाव

जी रया जाग रया यो दिन महैन भेंटने रया

चाहे उतराखण्ड मे रया
या
सात समुन्दर पार रया

जी रया जागि रयाजी रया जागि रया!

देव सती
तरफ बटि आपु सबों कैं उतराखण्ड लोक पर्व की भोत भोत हार्दिक शुभकामनॉए

।कविता-देव सती पपनैपुरी रानीखेत

गुडक कटकि चहा गिलास


         गुडैक कटकी चहा गिलास

आज फिर याद ऐगौ

गुड़क कटकी चहा गिलास

ऱाति पारि उठनि उ चडा़क आवाज

वन बै उनी घस्यारियोंक आवाज

आज फिर________________

चैलि ब्वारियोंक लागिरै आस

सास द् येली गुडैक कटकी चहा गिलास

खेत गोडिं धानुक सार

हे दीदी हे ब्वारी अलै मगानू

गुडैक कटकी चहा गिलास



देव सती पपनैपुरी

२६ जनवरी

🇮🇳2⃣6⃣ जनवरी(गणतन्त्र दिवस)

🇮🇳ऐ म्यर भारतीय बन्धु
ना हिन्दू बन ना मुसलमान

नी बन तू भ्रष्टाचार क गुलाम
🇮🇳बस तू बन एक भल इन्सान

यस क्वै कर करम
नी ओ तुकै क्वै शरम
इतु सुन्दर जीवन दिरो
हमूकें य अंग्रेज़ी फैशनल अंध कर हेलो

🇮🇳हमूले य जोश भरी जवानीक के क्ये समझों

य आजादी क क्यै मोल समझों

🇮🇳भारत मॉ तुकै सलाम
तिरंगा छु हमरि शान

भारत मॉक दुलार
हिन्दू मुस्लिम ने करो मारमार

🇮🇳भारत मॉ प्यार के नी बना इतु गैर
विक लिजी सब एक समान

सब मिलबै रवों यमई छ भारते शान
🇮🇳कै हिन्दू के मुसलमान
कै सिक्ख के ईसाई
हम सब छु भाई भाई

कतु बलिदान कतु कुरबानी

🇮🇳भारत मॉ शान आई कैले नी जाणी

🇮🇳गणतंत्र दिवस क भौत भौत हार्दिक शुभकामनॉओ सहित🇮🇳

कविता- देव सती
पपनैपुरी बटि

मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019

ईज बोज्यू व घराक ईष्ट

--*ईज बोज्यू व घराक ईष्ट*--

ईज बोज्यू क सेवा कर ल्यों
तुमार चार धाम है जाल

जप ल्यों आपण ईष्ट क नाम
बिगडी तुमार सब काम है जाल

ईष्ट देवों हूनैं तू किलै छे परेशान
ईज बोज्यूक सेवा मे छ हर समस्या क समाधान

जप ल्यों ईष्ट क नाम तुम द्वी हाथा के जोडि

ईज बोज्यूक सेवा छ सार मुसीबतों तोड़

जीवन जस पापों क गध्यार मे ईष्ट देव छ पुल

ईज बोज्यूक सेवा पार लगे दूनी मे उनेके नै भूल

घराक ईष्ट सबूक छ कभै उनुके ले भज बैर देख

बनेलि तुमरि ले बिगडि ईज बोज्यूक सेवा करबै देख

ईष्ट क महिमा जैल नी जाणि
उ छ मुर्ख महा अग्यानि

ईज बोज्यूक सेवा जो करु बिक नी हून कभै हानि

ईज बोज्यूक सेवा करि ल्यों जिंदगी मे मिलल सुकून

घराक ईष्टोंक शक्ति ले हमुकै मिलल जुनून!!

देव सती
पपनै पुरी(पाखुडा बटि)

Ma BA करी सब बैकार

---*MA-BA  करी सब बेकार*---

नानतिनों के करैबै एम ए बी पास

आब धरल्यों तुम उपवास

पढ़ाई लिखाई कै पढ गों बज्जर
नौकरी ढुढने थाकि गी बैरोजगार

वोट बैंक क भूख मैसों के लगै दियो डिग्रीयूक भोग

छोड द् यों घरवार हिटों हरद्वार और लि ल्यों जोग

नौकरी मिल रई ना छौकरी
सब करैरई चम्चागिरी

पहाडों मे बेरोजगारी क मार
सरकार नी दी सकैरई रोजगार

सरकारे है एक्कै दरकार
हमर ले द्वि  र् वटाक कर दयों जुगाड़

घरवाल क्यै जाणनी उनार लिजी एम ए बी ए सब बेकार

कुमाऊ क प्रसिद्ध लोक गायक स्व श्री पप्पु कार्की ज्यू के समर्पित

भूलीबैर नी भूलीन कार्की ज्यू तुमरि याद

क्यै नी हैरोय जसै आई यकिन नी उन

तुमार खुबसुरत गीत याद उनी

आखों मे अॉस ले दगडें उनी

बिछणनी वाल लोटि उनी एक दिन

य सोचि बैर हम सब इंतजार करुल

अब त बस तुमरि यादों क सहार छु

कार्की ज्यू भौत गीतो के पछ्याण दी तुमुल

य सब लफ्जों मे बया करण मुश्किल छ

तुमरी आवाज तुमरि रुपैकि पछ्याण छु

तुमार यु गीत कुमाऊ दिलेक शान छु

कार्कि ज्यू शत शत नमन
जो गीत तुम कै गछा नाचडियुक कर गछा रनमन

चैत बैशाख विर्थी खोला मे ठण्डो पाणि ले बगोल

मधूली रुपै रसिल उत्तरैणी कौतिक मे काजलक टिक्क ले लगालि

बसंती छ्योडी लाली हो लाली कै कै बैर सबूके नचालि

पर भूलिबैर नी भूलीयलि तुमरि याद कार्की ज्यू

रंगमंचो मे तुमरि कमी सबूके खलेलि

पप्पू कार्कि ज्यू के समर्पित

शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2019

जय माता दी

-----*जय माता दी*-----

ओ मय्या जी ओ जय मय्या जी
जय माता दी जय जय माता दी

हरिये मय्या तू सबूकि बिपति

१-ओ ऊँचा पहाडों मे बैठी रै छ माई
क्वैं तिहूँ मन्सा कूछों क्वै झूलेवाई

२-ओ बैठी छ धुर डानोंमे मय्या सुणिये पुकारा
हाथ जोड़ी भक्त आया तेरो दरबारा

३-ओ दूर बटी भक्त आया सुणिये पुकारा
हाथ जोडी करु बिनती मैय्या तेरों दरबारा

४-ओ झूलेवाई मय्या मेरि दूनागिरी मय्या
हरिये विपत्ति सबूक ओ हाटकाली मय्या

जय माता दी

देव सती

गुरुवार, 31 जनवरी 2019

52_कस छ य टैम

------*कस छ य टैम*-----

किलै दगाड़ मे रे बे दूर रुण चाछै

किलैकी तू त हर बखत याद ऊछै

तू त चुप रै बे ले क्यै कुण चाछै

लेकिन समझ नी आय तुमार मन मे क्ये छु

क्यै कैबे य गिच चुप रुण चा

मगर य मन चुप रुण नी चा

क्यै बात सुण बै य मन खुशी हुरों

मगर तुमार दिल क य दर्द महसूस नी हुरों

किलै दगाड़ मे रे बे दूर रुण चाछै

पैली त तू य बता म्यर मनक करीब किलै आछै

किलै तू म्यर दिल क धड़कन रोकन चाछै

किलै अगॉव(गले लगाना) लगे बे अलविदा कुण चाछै

किलै इंतजार करैबै इंकार करण चाछै

किलै दगाड़ मे रे बे दूर रुण चाछै

बदय्ल ल्यों आपुण मन क भैम

मित्रों हमूहु मिलुहू ले निकालों कुछ टैम

धन्यवाद

कविता- देवेन्द्र सती
पपनैपुरी(पाखुडा़)

सोमवार, 28 जनवरी 2019

22_छब्बीस (२६ जनवरी)

🇮🇳2⃣6⃣ जनवरी(गणतन्त्र दिवस)

🇮🇳ऐ म्यर भारतीय बन्धु
ना हिन्दू बन ना मुसलमान

नी बन तू भ्रष्टाचार क गुलाम
🇮🇳बस तू बन एक भल इन्सान

यस क्वै कर करम
नी ओ तुकै क्वै शरम
इतु सुन्दर जीवन दिरो
हमूकें य अंग्रेज़ी फैशनल अंध कर हेलो

🇮🇳हमूले य जोश भरी जवानीक के क्ये समझों

य आजादी क क्यै मोल समझों

🇮🇳भारत मॉ तुकै सलाम
तिरंगा छु हमरि शान

भारत मॉक दुलार
हिन्दू मुस्लिम ने करो मारमार

🇮🇳भारत मॉ प्यार के नी बना इतु गैर
विक लिजी सब एक समान

सब मिलबै रवों यमई छ भारते शान
🇮🇳कै हिन्दू के मुसलमान
कै सिक्ख के ईसाई
हम सब छु भाई भाई

कतु बलिदान कतु कुरबानी

🇮🇳भारत मॉ शान आई कैले नी जाणी

🇮🇳गणतंत्र दिवस क भौत भौत हार्दिक शुभकामनॉओ सहित🇮🇳

कविता- देव सती
पपनैपुरी बटि

11_म्येरि पछ्याण

मै क्वै लेखक ना छु कवि
चौबटियक थोड तलि पपनैपुरी छ म्येरी छवि
पहाडों मे रै बे ले आदत छु भोली
सीध साध पहनावा पहाड़ी छ म्येरि बोली

नौला धराक पाणि काबै पिनू
मडुवाक र् वाट काबटि खानू

हिसाऊ काफोव खेबै मिलछी नई ऊर्जा

देशीफल इनार सामणि जछि मुर्झा

गुल्ली डंड अडडू सिमंनटाई म्यर मनपसंद खेल हूछी
इमें राजनीति फिक्सिंग क डरक ना मैल हूछी

पैली बै आओ भैटो कुछी
आब वटसप व फैसबुकि गी

गोरु भैस बाकर म्यार मिके सबुहै प्यार हूछी

सीढ़ीनुमा खेत सब जगा बै न्यार हूछी

आब एक से एक कुकुर बिराव माछ पाई हैली

सीढीनुमा खेतों मे जे सी बी चली गी

ईष्ट ऐडी भूमी सैम हरज्यू क हमार पुज्य हूछी

जनरि बभूत फुक्क मारि सब दुख दूर हूछी

पहाड़ हमर स्वर्ग छी
ठण्डी हाव पाणि हूछी

सीध साध मिठ्ठ वाणी हमरि पछ्याण हुछी

आई ले तैतीस कोटि करोड़ देवी  द् याप्त जैक करनी खण्ड खण्ड

करनू आपणि मातृभूमि जय जय पहाड़
जय देवभूमि जय उत्तराखंड

कविता देव सती
चौबटियक थोड़ तलि बटि