रविवार, 31 मार्च 2019

मुबैल और नैट क जाव

मुबाईल और नैट  क जाव 

पैली  बटी  रत्ति उठते ही ईज  बोज्यू क खुटा  पडछी

आब ऑख खुलते ही मुबाईल दैखनी

खाण खान्ता  ले मुबैल  मे इतु  बिजी  है रुनी 
र् वाट साग  म  ना पाणिम  डोबि  बै  खै  जनि

पैली  बै  याददाश्त ले तेज हूछी
आब सबै मुबैलम सेव करण पडनी

करछा क्यै  दिनों दिन मुबैलैकि रैम बढती जारे 
ए दूहरैहू राम राम घटती जारे

गुल्ली डंडा कबड्डी खो खो बाघ जा विलुप्त हैगि
टेम्पल रन पॉकेमॉन पब जी जास गेम ऐ गी

गेम खेलणम इतु  मस्त हैगि
पॉकेमॉन ढुडन ढुडने आपूई हरैगी
जैनूके  गुगल दय्पत ले नी ढुड  सकनी

यई मुबैललै मैसुक  हातै  घडी छीनी
कतुवाकि कूड  बाडी छीनी

य मुबलल नीन  हराम कर हैली

आब क्वे  कुरो  चैटिंग छोडों
क्वै कुरो  फ्यास  बुक छोडों

जब ज्यादें  परशान  होला ने त फिर कोला मुबल  छोडों

मुखड चाहे स्मार्टनेस नी हल
मुबल  स्मार्ट चैल

कविता- देवेन्द्र सती
पपनैपुरी  पाखुडा

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