य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़
१ - अन्यार मे डूबी छ म्यर पहाड़
सार पहाड़म छ पलायनैक मार
बुड़ बाढियाक रोम रोम मे
मची छ आज चित्कार
य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़
तबै जगमगाल म्यर पहाड़
२- चिमोडि़ आखोंक ताव बटी
झिलमिल उज्याव ता़कें रों
द्वि र् वटाक क खातिर मे
पहाडो़ं के छोडि जाणो
ईज बोज्यूक प्यार दुलार
य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़ ।
बुड बाढियों के भेटि आला खे जला च्यूडूक त्यार
३-हवाई तवाई छोडी बे
पकड़ ल्यों जीब कार
लौटि आवों तुम पहाड़
अलबैर मिलबैर मनूल
दिवाईक य पावन त्यार।
य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़
जय जय देवभूमि
जय जय उत्तराखण्ड
ज़य जय पहाड़
दिवाई हार्दिक शुभकामनॉओं सहित
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