भूलीबैर नी भूलीन कार्की ज्यू तुमरि याद
क्यै नी हैरोय जसै आई यकिन नी उन
तुमार खुबसुरत गीत याद उनी
आखों मे अॉस ले दगडें उनी
बिछणनी वाल लोटि उनी एक दिन
य सोचि बैर हम सब इंतजार करुल
अब त बस तुमरि यादों क सहार छु
कार्की ज्यू भौत गीतो के पछ्याण दी तुमुल
य सब लफ्जों मे बया करण मुश्किल छ
तुमरी आवाज तुमरि रुपैकि पछ्याण छु
तुमार यु गीत कुमाऊ दिलेक शान छु
कार्कि ज्यू शत शत नमन
जो गीत तुम कै गछा नाचडियुक कर गछा रनमन
चैत बैशाख विर्थी खोला मे ठण्डो पाणि ले बगोल
मधूली रुपै रसिल उत्तरैणी कौतिक मे काजलक टिक्क ले लगालि
बसंती छ्योडी लाली हो लाली कै कै बैर सबूके नचालि
पर भूलिबैर नी भूलीयलि तुमरि याद कार्की ज्यू
रंगमंचो मे तुमरि कमी सबूके खलेलि
पप्पू कार्कि ज्यू के समर्पित
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