गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

हर्याव एक उत्तराखण्डि त्यार

प्रणाम

लोक पर्व हर्याव

हर्याव आई हर्याव आई

चौ दिशी बहार आई

भ्यार जाई नान घर आई

चैली बेटी मैत आई

सोणाक महैन हर्याव क त्यार आई

जी रया जाग रया बची रया

हर साल हर्याव मनूनें रया

सोण मनाया हर्याव

भादों तीज त्यार

कार्तिक मनाया दिवाई

फागुन उडाया गुलाल

क्वे दिल्ली क्वे मुबंई क्वे बैगलोंर रुछा

घरवाल खुशि तब हुछी

जब य हर्याव घर उछिया

पैली ना डर ना चोरि सब बैखोफ छी

उतराखण्डी सभ्यता लै गजब छी

हर्याव फुलदैयी घ्यू संग्रात घुघुती याक त्यार छी

नाखेक नथूली हाथोंक पौजी महिलाओंक श्रृगार छी

लाग हर्याव लाग दशै लाग बगवाव

जी रया जाग रया यो दिन महैन भेंटने रया

चाहे उतराखण्ड मे रया
या
सात समुन्दर पार रया

जी रया जागि रयाजी रया जागि रया!

देव सती
तरफ बटि आपु सबों कैं उतराखण्ड लोक पर्व की भोत भोत हार्दिक शुभकामनॉए

।कविता-देव सती पपनैपुरी रानीखेत

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