गुरुवार, 31 जनवरी 2019

52_कस छ य टैम

------*कस छ य टैम*-----

किलै दगाड़ मे रे बे दूर रुण चाछै

किलैकी तू त हर बखत याद ऊछै

तू त चुप रै बे ले क्यै कुण चाछै

लेकिन समझ नी आय तुमार मन मे क्ये छु

क्यै कैबे य गिच चुप रुण चा

मगर य मन चुप रुण नी चा

क्यै बात सुण बै य मन खुशी हुरों

मगर तुमार दिल क य दर्द महसूस नी हुरों

किलै दगाड़ मे रे बे दूर रुण चाछै

पैली त तू य बता म्यर मनक करीब किलै आछै

किलै तू म्यर दिल क धड़कन रोकन चाछै

किलै अगॉव(गले लगाना) लगे बे अलविदा कुण चाछै

किलै इंतजार करैबै इंकार करण चाछै

किलै दगाड़ मे रे बे दूर रुण चाछै

बदय्ल ल्यों आपुण मन क भैम

मित्रों हमूहु मिलुहू ले निकालों कुछ टैम

धन्यवाद

कविता- देवेन्द्र सती
पपनैपुरी(पाखुडा़)

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