गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

आहा रे मेरो उत्तराखण्ड

जै उत्तराखण्ड  (गीत) 
************
मानसखण्ड केदारखण्ड
के भली भूमि जै उत्तराखण्ड
देवभूमि पुराणों की धरा-----
ऊंच -निच धरती हिमाली हिमाला.

गंगा यमुना सरयू पावन
पिण्डर गोरी काली मनभावन
पंचप्रयाग यां बदरी केदारा
गंगोत्री यमुनोत्री हरि हरिद्वारा
        तोप् -तोप् अमृत कण -कण में शिवाला
        उंच -निच धरती............................ 

साल शीशम सालो बांज देवदार 
सेमल तुन खड़की बुराशों बहार
धानों छमाक अहा गेहूँ की बाला
मसूर भट राजमा गहतों की दाला
          मडुवा कूंण कान्दो भटिया खा जाला
          उंच -निच धरती........................... 

उत्तरकाशी औली श्रीनगर टिहरी
दून की घाटी देखो छबीली मसूरी
नैनीताल कौसानी ओहो मुनस्यारी
पाताल भुवनेश्वर जागेश्वरा दुनगिरी
            रंगीलो यो पहाड़ रिवाज रंगीला
            उंच -निच धरती.................... 

      दीवान सिंह कठायत, प्रधानाध्यापक, 
       राआप्रावि उडियारी, बेरीनाग (पिथौरागढ) उत्तराखण्ड.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें