रविवार, 5 फ़रवरी 2023

थैचू

आवश्यकता आविष्कारैकि जननी हूं . जब जब जरूरत पडी लोगबाग आपुण जरूरता क हिसाबैलि आविष्कार करि दिनन . 
तसै एक आविष्कार छ थेच्चू .. थेच्चू हमर पहाडक आविष्कार छ . हमार यां कतू प्रकाराक थेच्चू बणनन . आलू क थेच्चू . मुलक थेच्चू . मूलक थेच्चुवक प्रयोग सलाद में . झोली में और साग बणूण में हूं . एक थेच्चू किलमौडाक फूल नक ले बणौं . जछैं सांनण ले कूनी . किरमौडाक फूल और पांलगाक बलाड कूटि बेर .. मतलब थेचि बेर सांनण बणाई जां . 
कबै कबै मी सोचूं कि यो थेचुवक आविषिकार कसी भो हुन्योल कैलि करि हुन्योल . भली कैबेर काटि बेर जै खान् धें . भला भाल टुकुड बणून . मतलब तरीकैलि खान .. यो कि बात भै सिल लोड में थेचिबेर खाण   
तब मैलि सोचो कि हमर पहाड में स्यैणी बहुत कर्मठ हुनी . खेति पाति क सब काम इनारै कन्ध न पर हूंछी . रत्ति ब्याण उठि बेर पाणि लूण . बुड बाडि नानतिनाक लिजी पाणि ततूण . द्याप्त पुजण नानतिन बट्यूण .ठुलतिन बट्यूण ईसकूल लगूण . लाकाड लूण . घा पात निराई गुडाई भितर झाड पात झाडन .. मतलब .. सब कामनक ठ्याक स्यैणिनक भै . बहुत ज्यादा काम और समयैकि कमी . 
तब क्वे स्यैणि लि फटाफट क चक्कर में आल को काटण लागि रूं ढील हुण रै कैबेर फटाफट आल थेचि बेर पकै दे हुन्याल .. बस परिवार वालन सवाद लाग हुन्योल .. तब बटी थेच्चू प्रचलन में आ हुन्योल ... 
हां यो बात ले छ कि ईज कबै कबै उपद्रैबि करण में हमन छै कूंछी कि - रनकारा मारि मारि बेर थेच्चू बणै द्यूल .. 
पर के ले कओ हो .. थेचुवक एत अलगै सवाद छ . सिल में जमैं सब मस्याल हल्द पिसी रूंछी उमें थेचि मुलक सैलेड .. मतलब सलाद .. आहा ..... आब शहरन में सिल लोड क जाग में मिक्सी ऐगे .. उमें थेच्चू बणाओ ले कसिके . ल्हि दिबेर चकई बेलण रै गोय थेच्चू बणूणी यन्त्र .. चकई में मुल थेचण बैठ्यू तो चोट मारते ही मुल उछीटी बेर क्वाडन जानै रौ .. मैलि फिर हाथैलि मुल पकडौ और बेलण मारौ जोरैलि ....... ओईज्या मेरी ...... आंगूं जै थेची पड गो आगहान ......... मतलब मैर बिती एक नई आविष्कार हैगो ...... आगुलक थैच्चू ....आयोडैक्स लगैबेर ले ठन्ड नै पडमैई .. आब नंग उचेडीछै जि बजीं .....

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