फलाने कल तुम ख्वाबों में आये थे
मिलने आये थे ?
या
मेरे कुछ ख्वाब साथ में जीने आये थे?
या
तुम्हें भी मेरी तरह हफ़्ते में एक दफ़ा
दूर बचपन को देख मुस्कुराने की आदत लग गयी है?
देखो अगर ऐसा है तो बेझिझक बता दो
कुछ छुपाओ मत
क्योंकि आदतें छुपाना नामुमकिन है
और
देर सबेर तुम्हारी ये आदत भी सामने आ ही जायेगी
फिर क्या करोगे?
सफाई दोगे!
इश्क़ से मुकर जाओगे ?
या कह दोगे
की हमारा यूँ ख्वाबों में मिलना
महज मेरी आँखों का ख्वाब है
और साजिशन मुलाकात पर उठे सवालों
का ये एक बेतुका जवाब है
या झुठला दोगे दादी की वो बात
कि
जब कोई हमे सपने में दिखता है तो
मतलब वो हमें बहुत याद कर रहा है
मिलना चाह रहा है
कुछ बातें हैं उसके मन में
जो वो कहना चाह रहा तो है
तो अगर
याद है तुम्हें तुम्हारा दादी की बातों को
सच का आइना कहना
तो इंतज़ार रहेगा
मुझे,
वहीं जहाँ पेड़ों ने पहना है
यादों का गहना |
@ प्रीती जोशी.
शुक्रिया🌸
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