फिकर
मनखिया तु
आजेकि सोच
भोवेकि फिकर निकर
दौ दयाप्तनौक नाम ले
यैकि उव्वीकी जिगर निकर
मणि आपण
भाटन मै मसक दे
दुहरेकि कमै मै
नजर नि धर
सजेकि जाग
ठिकांण बणा
तौ त्यार हुं
आपणि मै माटि
कैं लै याद कर
त्यौर गुजार
लैक ऐ जाल
तु दिन रात
ततुक तौयाट निकर
वौल दिन गै
पौल दिन गै
नसि जलि त्येरि लै उमर
मनखिया तु
आजेकि सोच
भोवेकि फिकर निकर
फिकर निकर ।।
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