कुमाऊँनी कविताएँ एवं लेख
बुधवार, 25 सितंबर 2024
टिमटिमाता पहाड़
" टिमटिमाती धमक चमक में "" खोयापहाड़ देखा !
एक चूल्हे ( छिलुक लम्फू) से रौशन ! सारा गाँव देखा !
कहाँ खोया वो एक आवाज ( धात )पर खड़ा साथ पहाड़ देखा कंकरीटो मे दबे पहाड़ की सिसकी सुन सक वो "पहाड़ आखरी बार कहाँ देखा !
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