बुधवार, 5 जून 2024

मेरी रचना

हाव चै सबूकें शुद्ध
पेड़ नै क्वै लगू रई
अनजान मे सब रोगों के 
दगाड़ आपू बलू रई

हरियाली फैलै बे ओल 
अब हम सबूकें स्वस्थ बनूल
संदेश सब जाग फैलोल
आपन पर्यावरण बचूल

जैकै कूनी पृथ्वीक आवरण 
उ छ हमर पर्यावरण
प्रदूषण बन गो पर्यावरण क
चिंता क कारण

य प्रदूषण यसि बढें रो 
जैक न्हैति क्वै माप
दैखों कसी माठू माठ
बनै रो अभिशाप

हरियाली खत्म ह्वैगै
धधकैरै सूरजैक ज्वाला
दिनोंदिन बढणि प्रदूषण
औजोन परत कै बनू रो निवाला

प्रकृतिक रक्षा करो
प्रदूषण रोक बैर
वृक्षारोपण करबैर
प्रदूषण पर करो वार
प्रकृतिक करो सम्मान
पर्यावरण क स्वच्छताक ले धरिया ध्यान

यैक रक्षा हैतु तुम चलावों
प्रदूषण मुक्ति अभियान

आऔ य संकल्प उठूल
आपण पर्यावरण बचूल

हर दिन एक नई वृक्ष लगूल 
आपन आपन जीवन बचूल


बानों बान य धरा क ऑचव
जैक नील अगास
पहाडों जस उच कपाव
वि पर सूर्ज चन्द्रमा जस बिंदियूक ताज
गध्यार छीण जास छल छल छलकनी यौवन
सतरंगी पेड पौधोंक स्यूनि सिंगार
खेत खलिहानों मे लहलहाणि मंद मंद मुस्कान
*हौई यई त छ य प्रकृतिक स्वच्छ स्वरुप*

देव सती पहाडी़ बटोही

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