घुघुतिया त्यार
नान छना मैं सोचछी य चार चार चार(४४४)किलैं बनूं रई?
और यैक नाम घुघुत किलैं कु रई?
ना पॉंख ना पूठ ना मुनव ना खुट
ना हिटणी ना उडानि ना फरफडानी?
यू तो गुड़ क पाक क बनछी मीठ्ठ!
नान छनों जब हम त्यारोंक इंतजार करछी
उ दिवाई ना होई धुधुती त्यार हूछी
हमर गव मैं लम्ब लम्ब धुधुती मॉंव हूछ!
गौ गौ घर पलायनैं मार झैलें रौं
गौ बटी निकल बैर भाबरों मे बस जारो!
गौनों मे लम्ब चौड़ बाखई हूछी
एक हाथ लम्ब घुगुती क मॉंव हूछी
कालै कालै कालें कैबैर कव्वा कै बुलूछी!
आज ना काव बच री ना घुगुती माव
ना उ रंगत रैगैं जो संज्ञानों मे हूछी!
मैं आई ले तुम्हूतें कौनूं
लाईक कमेन्ट जरुर करिया
सबस्क्राईब कर बैर घंटी क लै ध्यान धरिया!
माघा क मंगल ल्या पूषाक ईतवार
य बार उत्तरैणी कौतिक जाया बागश्वरै बजार!
मकर राशी पर सूर्ज एैंजा आज
उत्तरैणिक पर्व क है जा आगाज!
क्वैं मनै लिया भों क्वैं मनै ल्या आज
आपूं सबौंक सहयोग क लिजी भौतें धन्यवाद!
@देव सती (पहाडी़ बटोही)
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