मंगलवार, 5 सितंबर 2023

शिक्षक दिवस कविता श्रीमान शंकर दत्त जोशी जी

"अ आ क ख वाले मास्साब "
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याद करता हूँ अक्सर 
अपने पहले मास्साब को !
माँ छोड़ गई जब 
बहला-फुसला कर 
और भाग गई  घर ।
रोए ,बहुत रोए 
कई दिनों तक रोते रहे ।
वो डराता ,मजाक करता 
मेरी नाक साफ करता !
पर मैं उससे दूर रहता ।
जाने कितनी बार 
जड़ दी उस पर
कोमल हाथों की थप्पड़ !
कितनी बार अड़ा 
कितनी बार लड़ा ।
जितनी गालियाँ थी 
सब उस पर उडेल दी ।
पर सब खाली !
रंग लाई उसकी मेहनत 
उसकी रखवाली ।
मैं खिलकर फूल बन गया 
और वो बना रहा माली ।
उसकी मेहनत के दम पर 
मेरे जीवन में उजियारा है 
वो अ आ क ख वाला शिक्षक 
आज मुझे सबसे प्यारा है।
💐💐शंकर जोशी 💐💐
शिक्षक दिवस की बधाई ॥

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