*🕉️ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः🙏*
🔔हरी नाम नहीं तो जीना क्या, हरी नाम नहीं तो जीना क्या..
अमृत है हरी नाम जगत में, अमृत है हरी नाम जगत में, इसे छोड़ विषय रस पीना क्या..हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....
🌳काल सदा अपने रस डोले, ना जाने कब सर चढ़ बोले।
हरी का नाम जपो निसवासर, इसमें बरस महीना क्या॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....
🏆भूषन से सब अंग सजावे,रसना पर हरी नाम ना लावे।
देह पड़ी रह जावे यही पर,फिर कुंडल और नगीना क्या॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....
💚तीरथ है हरी नाम तुम्हारा,फिर क्यूँ फिरता मारा मारा।
अंत समय हरी नाम ना आवे,फिर काशी और मदीना क्या॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....
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