****बहुत कुछ*****
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आँमाँ की पैदाइश
उन्नीस सौ तितालीस की है !
यानि आजादीसे
पांच साल बड़ी !
आँमाँ इलाज कराने
हल्द्वानी आई ।
परचा बनाया नंबर लगाया
लोग आते रहे जाते रहे
कोई सीधे अंदर जाते
किसी को डाँक्टर बुलाते
किसी ने वार्ड बाय से
गोटी भीड़ाई ।
किसी ने जुगाड़े से
अपनी पर्ची आगे बढ़ाई ।
देखा तो आँमा् ने भी
पर कौन जाने आँमा् के मन की
नाती को भी हिम्मत नहीं आई
औबजैक्शन की ।
आँमाँ ओ इजा !ओ बबो! करती रही
लोग आते रहे जाते रहे
आँमाँ की परची आँखिरी रही ।
डाँक्टर ने पूछा अम्मा क्या परेशानी है /
अम्मा बोली सुबह से पर्चा लगा है
नंबर आखिर में आया
ये क्या कहानी है ?
डाँक्टर ने कहा आँखें खोलो
आ करो जीभ दिखाओ
न टैस्ट न वैस्ट !
डाँक्टर ने सीधे लिख दी दवा
जीप वाला वहीं खड़ा था
आँमाँ दवा लेकर
पहाड़ को हो गई हवा ॥
आँमाँ ठीक हो जाय बस
सब भगवान की दुवा है
क्यों नहीं हुवा है
चौहत्तर साल में बहुत कुछ हुवा है ॥
💐💐शंकर जोशी 💐💐
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