शनिवार, 21 जून 2025

श्रीमान प्रकाश चन्द्र तिवाडी़ ज्यू रचना

*योग करो ,पराणि चंख धरो*
योग जरूरी छ, सबै योग करो ।
योग करिबे पराणि चंख धरो ।
रत्तै जल्दी उठो ठंडी हाव खाओ ,शरीरैकैं खूब चलाओ ।
रात हैं अबेर तक जागि बे,
रोगूँ कैं आपुहैं नि बुलाओ । 
जदूकै खांचा अन्न पाणि, उद्कै शरीरैकैं लै चलाओ ।
जैल पस्यण भ्यार आओ,
उदुकै व्यायाम करि जाओ ।
बैठी बैठियै शरीरैकि गाड़ि जाम हैजैं ।
बिन बुलाइयै बीमार होणै नौमत ऐंजैं ।
आजाकि आराम तलब जिन्दगी में, योग और जरूरी हैगो । 
किलैकि काम करिबे पस्यण बगौणौं जमान न्हैगो ।
यैक लिजी रोज रत्तै ब्याव , भलिकै योग करो ।
योग करिबे आपण - आपण , पराणि चंख घरो ।1।

आज योग व्यायाम किलै जरूरी छ सब जाणण लैरी ।
जगां जगां योग सिखौ हैं , 
नयी नयी उपाय हैरी ।
बाबा रामदेव योग सिखैबे , योग गुरु नामैल प्रसिद्ध हैरी ।
लोग टी वी चैनल देखबे लै,
 रोज योग करण लैरी ।
आओ हम सब लै योग कर णौ, आज बे संकल्प लिनु ।
रोज रत्तै - व्याव कुछ टैम ,
योग करहैं धर लिनु । 
योग करिबे तन और मन ,
दिमाग कैं स्वस्थ धरो । 
योग करिबे आपण -आपण,
पराणि चंख धरो ।2। - प्रकाश चन्द्र तेवाड़ी - अध्यापक

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