सोमवार, 7 अगस्त 2023

श्रीमान भुवन विष्ट जी की जय शंकर महादेव कुमांऊनी रचना

जय जय शंभू महादेवा,धरिया हमरि लाज
विनती सुणीया हे देवा,सुफल करिया काज
एक हाथ डमरु त्रिशूल,गले सांपों की माला
कैलाश में आसन लगाई,पहनी छ मृगछाला
अंग छन बभूति लगायी,तुम जगत रखवाला
संग माता पार्वती छन,कार्तिकेय गणेश लाला
जय जय शंभू...................
त्रिकाल दर्शी देव तुम छा,महादेव त्रिनेत्र धारी
जय देव तुम छा वरदानी,जै नंदी की सवारी
हे शंभू भोले बाबा तुम छा,सबूंकैं लाज धरणीं
दुणिं में खुशहाली कौं देव,भंडार छा भरणीं
अन्तर्यामी तुम महादेव,घट घट कौं निवासी
लाज धरिया हर बखता,जै शंभू कैलाशवासी
जय जय शंभू....................
अमरनाथ तुमौर वासा,केदार बाबा तुम छा
जै बागेश्वर बागनाथा,जागेश्वर तुम बसछा
जटा बसी रै गंग तुमरी,शीशचन्द्र त्रिशूल धारी
जै जै महाकाल महादेव,हामौर छा पालनहारी
हाथ जोड़नूँ टेकी मुनाऊँ,दिया थान में जलानूँ
आयूँ मैं तो त्यौर शरणा,चरणों में शीश झूकानूँ
अन्न धनक भकार भरिये,रोग दोष कैं दूर करिया
लाज धरिया हे महादेवा,गौं घर खुशहाल करिया
घट घट कौं देव निवासी,जै शंभू शिवालय वासी
शंभू में छूँ त्यौर विश्वासी,जै जै शंभू कैलाशवासी
जय जय शंभू............
विनती सुणीया हे देवा,सुफल करिया काजा!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें