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धारावाहिक
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अन्तर्मन की बात-
मन के बाजारों में भटकने वाले कभी हृदय की गलियों में भी घूमा करो ।
जिसके कारण यह सुन्दर जीवन पाया कभी उनके चरणों को भी चूमा करो ।
मतवालीआँखों से सब सुन्दरता देखी कभी मन की आँखों से देखा करो ।
मदमाते अधरों से खूब रसपान किया कभी दो बोल प्रेम से बोलो दिया करो ।
भगवान की पूजा करने वाले हाथों से किसी असहाय को भी कभी सहला दिया करो ।
सुख वैभव से मन को बहलाने वाले कभी किसी व्यथित मन वाले को बहला दिया करो ।
अपनी ही बड़ाई करने वाले दूसरों की करनी कथनी को भी कभी अच्छी बता दिया करो।
अपने ही गुणगान का पाठ करने वाले कभी प्रभू के भजन सुना दिया करो ।
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बहुत बहुत शुभकामनायें।🌷👍🙏
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