आलूक थेच्छय़ू प्याजक पुड़पूड़ी
काकड़क रेत मूअक साग
मुंगेकि मुंगोड़ी माशेकि बड़ी
कावपट्ट चुणकाणी लसपस भात
इज खोची खोची खवे दिछि
जिबड़ीक म्यरा बड़ मिजाज
अपुणे गौं गाड़ेकी बात, परदेश में ऊनी याद
जोश्ज्यूका का काकड़ लझोड़
बिस्टज्यू को आड़ूक बाग
पन्त्ज्यू का पूलम नि छोड़
नेगिज्यूका खेतम पड़य़ू उजाड़
दिन भर म्यरा रोंते में कटी जाछि
भोते भल छि हो म्यरा ठाटबाट
अपुणे गौं गाड़ेकी बात, परदेश में ऊनी याद
भीजी शिसूण हाथम दंड
महेश मास्सेप भोते खतरनाक
चुलगम मेल चिपकाय कुर्सी में
चप से चिपक गयी मास्साप
सब नान्तिनुले दोड़ लगे दे
भूभी कूटिगो घुस्स लात
अपुणे गौं गाड़ेकी बात, परदेश में ऊनी याद
घटेकी घर घर द्यारे कि सर सर
पल भाखेयी कुकुरोक टीटाट
शिटोवे कि चू चू बिरावे कि म्यू म्यू
पार तली गाड़क सरसराट
डरक मारी हगभराछी
ब्याव पड़ी सुण बागक घुरघुराट
अपुणे गौं गाड़ेकी बात, परदेश में ऊनी याद
ओ रुपली शौज्यूकी चेली
दिन रात रिटछ्यू त्यर आसपास
नि के सकियू आपुणे मनेकी
तुगे देख म्यर लकलकाट
खुबे नाँचीयूँ द्वी ढक्कन पिबेर
जब मोहनदा लायीं त्यार घर बरात
अपुणे गौं गाड़ेकी बात, परदेश में ऊनी याद
कां रेगो गौं कां रेगे गाड़
कां रेगो काफल कां तिमिल्क पात
कां रेगे रुपली कां ऊक फरफराट
कां रेगेंयी दगड़ू कां उनर बोयाट
रात अधरात क्याप जस लागों
गाव् भरी जां, आँख भिज जानि
जब ऊँछी गौंकी परदेश में याद
अपुणे गौं गाड़ेकी बात, परदेश में ऊनी याद।
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