पहाड़ी के दो आगे पहाड़ी,
पहाड़ी के दो पीछे पहाड़ी,
बढ ना पाये तीनों पहाड़ी ।
कुंठित रह गये भीतर-भीतर।
बढ ना जाये अगला पहाड़ी,
खींच रहा है पिछला पहाड़ी।
बाहर खूब दिखावा करते,
कुढ़ते रहते भीतर भीतर।
जहां खड़ा था पहला पहाड़ी।
वही खड़ा हैं अब भी पहाड़ी।
भारत का दुर्भाग्य देखिये।
सुधर नहीं पाते हैं पहाड़ी।
अन्य जातियाँ हो गयीं आगे।
एक नहीं हो पाये पहाड़ी।।
सभी पहाड़ी भाइयो को भेजो क्योंकि
*कडवा है पर है तो सच...*🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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