शुक्रवार, 29 सितंबर 2023

क्या नही हुआ बहुत कुछ हुआ

****बहुत कुछ*****
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आँमाँ की पैदाइश 
उन्नीस सौ तितालीस की है !
यानि आजादीसे 
पांच साल बड़ी !
आँमाँ इलाज कराने 
हल्द्वानी आई ।
परचा बनाया नंबर लगाया 
लोग आते रहे जाते रहे 
कोई सीधे अंदर जाते 
किसी को डाँक्टर बुलाते 
किसी ने वार्ड बाय से 
गोटी भीड़ाई ।
किसी ने जुगाड़े से 
अपनी पर्ची आगे बढ़ाई ।
देखा तो आँमा् ने भी 
पर कौन जाने आँमा् के मन की 
नाती को भी हिम्मत नहीं आई 
औबजैक्शन की ।
आँमाँ ओ इजा !ओ बबो! करती रही 
लोग आते रहे जाते रहे 
आँमाँ की परची आँखिरी  रही ।
डाँक्टर ने पूछा अम्मा क्या परेशानी है /
अम्मा बोली सुबह से पर्चा लगा है 
नंबर आखिर में आया 
ये क्या कहानी है ?
डाँक्टर ने कहा आँखें खोलो 
आ करो जीभ दिखाओ 
न टैस्ट न वैस्ट !
डाँक्टर ने सीधे लिख दी दवा 
जीप वाला वहीं खड़ा था 
आँमाँ दवा लेकर
 पहाड़ को हो गई हवा ॥
आँमाँ ठीक हो जाय बस 
सब भगवान की दुवा है 
क्यों नहीं हुवा है 
चौहत्तर साल में बहुत कुछ हुवा है ॥
💐💐शंकर जोशी 💐💐

गुरुवार, 21 सितंबर 2023

हरी नाम नही तो जीना क्या

*🕉️ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः🙏*
🔔हरी नाम नहीं तो जीना क्या, हरी नाम नहीं तो जीना क्या..
अमृत है हरी नाम जगत में, अमृत है हरी नाम जगत में, इसे छोड़ विषय रस पीना क्या..हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....
🌳काल सदा अपने रस डोले, ना जाने कब सर चढ़ बोले।
हरी का नाम जपो निसवासर, इसमें बरस महीना क्या॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....
🏆भूषन से सब अंग सजावे,रसना पर हरी नाम ना लावे।
देह पड़ी रह जावे यही पर,फिर कुंडल और नगीना क्या॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....
💚तीरथ है हरी नाम तुम्हारा,फिर क्यूँ फिरता मारा मारा।
अंत समय हरी नाम ना आवे,फिर काशी और मदीना क्या॥
हरी नाम नहीं तो जीना क्या हरी नाम नहीं तो जीना क्या.....

अच्छी थी पगडंडी

*अच्छी थी पगडंडी अपनी।*
*सड़कों पर तो जाम बहुत है।।*

*फुर्र हो गई फुर्सत अब तो।*
*सबके पास काम बहुत है।।*

*नहीं जरूरत बूढ़ों की अब।*
*हर बच्चा बुद्धिमान बहुत है।।*
  
*उजड़ गए सब बाग बगीचे।*
*दो गमलों में शान बहुत है।।*

*मट्ठा, दही नहीं खाते हैं।*
*कहते हैं ज़ुकाम बहुत है।।*

*पीते हैं जब चाय तब कहीं।*
*कहते हैं आराम बहुत है।।*

*बंद हो गई चिट्ठी, पत्री।*
*फोनों पर पैगाम बहुत है।।*

*आदी हैं ए.सी. के इतने।*
*कहते बाहर घाम बहुत है।।*

*झुके-झुके स्कूली बच्चे।*
*बस्तों में सामान बहुत है।।*

*सुविधाओं का ढेर लगा है।*
*पर इंसान परेशान बहुत है।।*

मंगलवार, 5 सितंबर 2023

शिक्षक दिवस कविता श्रीमान शंकर दत्त जोशी जी

"अ आ क ख वाले मास्साब "
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याद करता हूँ अक्सर 
अपने पहले मास्साब को !
माँ छोड़ गई जब 
बहला-फुसला कर 
और भाग गई  घर ।
रोए ,बहुत रोए 
कई दिनों तक रोते रहे ।
वो डराता ,मजाक करता 
मेरी नाक साफ करता !
पर मैं उससे दूर रहता ।
जाने कितनी बार 
जड़ दी उस पर
कोमल हाथों की थप्पड़ !
कितनी बार अड़ा 
कितनी बार लड़ा ।
जितनी गालियाँ थी 
सब उस पर उडेल दी ।
पर सब खाली !
रंग लाई उसकी मेहनत 
उसकी रखवाली ।
मैं खिलकर फूल बन गया 
और वो बना रहा माली ।
उसकी मेहनत के दम पर 
मेरे जीवन में उजियारा है 
वो अ आ क ख वाला शिक्षक 
आज मुझे सबसे प्यारा है।
💐💐शंकर जोशी 💐💐
शिक्षक दिवस की बधाई ॥