मंगलवार, 28 दिसंबर 2021

दीपाली सुयाल जी की कविता

हिमाला की डानो मां बसी
बसी यों पहाड़ा
डाना डाना हंयू पड़ी
म्यर मुलुक पहाड़ा..।।

शिवज्यूकी की नगरी
के भलो यों कैलाशा
मन मां बसी यों म्यरो
म्यर बाबा केदारा..।।

ठंडी ठंडी हव जाकी
ठंडी पाणीकी यों धारा
रंगीलो मिजाज याको
रंगीलो यों पहाड़ा..।।

पितरों की जन्म भूमि
देवताओ का यों थाना
गंगाज्यूकि गोदमां बसी
बसी यों म्यर हरिद्वारा..।।

ढोल ,दमाऊ ,नागड़
बाज़ी हुड़की की थापा
रूमन झुमन हैबटी 
नाचो म्यर यों पहाड़ा..।।

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रचना - दीपाली सुयाल
रामनगर उत्तराखंड

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