शुभप्रभात मित्रों
हँसी खुशी बॉटु उ सबुकें
घ सबुके झन दिखाया
लोग लगाल मरर्च
पर आल ना क्वै मरहम लगुणाक लिजी
देखी बै त्येरि तरक्की
खुशी नी हौल क्वै
लोग मौक ढुडाल काटि खाणा लिजी
ज्यून छन पराणि में दुख भौत छन हर कदम मे हादसे छन
कुछ टैम त निकालों हो मुस्कुऱाणक लिजी
हँसते मुस्कुरातें रया
देव सती
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें