शुक्रवार, 23 जून 2023

माथे आम

भूलीबैर नी भूलीन आमा तुमरि याद

क्यै नी हैरोय जसै आई यकिन नी उन

तुमार उ भाल सीख ले आइ याद उनी

आखों मे आंसू ले दगडें उनी

बिछणनी वाल लोटि उनी एक दिन

य सोचि बैर हम सब इंतजार करुल

अब त बस तुमरि यादों क सहार छु

आमा कामकाजों के पछ्याण दी तुमुल

य सब लफ्जों मे बया करण मुश्किल छ

तुमरी भल सीख तुमरि रुपैकि पछ्याण छु

तुमार यु मांगल गीत  कामकाजोंक शान छु

आब होइ होइ जा नी लागन
ना  दिवाई दिवाई जा लागी
तुमरि कमी क हर कामों मे एहसास हूँ
बूढ़ा दगैं बूढ़ नना देगे नान
हर बात के आपूं हिसाबल समझूणक ढंग

म्यर समझण मे नी उ रय 
जतू लेखों उतू कम


ओ अमा शत शत नमन
फूलों सा चेहरा गीत मे  नाच बैर कर गछा रनमन
पर भूलिबैर नी भूलीयलि तुमरि याद

हर भाल नाक कामकाटों मे तुमरि कमी सबूके खलेलि

माथें अमा की प्रथम पुण्य तिथि पर सादर  समर्पित कविता 

देव सती पहाड़ी बटोही

रविवार, 11 जून 2023

प्रिये तुम रामचरित मानस पढना

प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
जीवन के अनुबंधों की,
तिलांजलि संबंधों की,
टूटे मन के तारो की,
फिर से नई कड़ी गढ़ना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
बेटी का धर्म निभाने को,
पत्नी का मर्म सिखाने को,
भाई का प्रेम बताने को,
हर चौपाई दोहा सुनना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
लक्ष्मण से सेवा त्याग सीखना,
श्री भरत से राज विराग सीखना,
प्रभु का सबसे अनुराग सीखना,
फिर माता सीता को गुनना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
केवट की भक्ति भरी गगरी,
फल मीठे बेर लिए शबरी,
है धन्य अयोध्या की नगरी,
अवसादों में जब घिरना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
न्याय नीति पर राम अड़े,
संग सखा वीर हनुमान खड़े,
पशु-पक्षी तक हैं युद्ध लड़े,
धन्य हुआ उनका तरना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
जो राम नाम रघुराई  है,
जीवन की मूल दवाई है,
हर महामंत्र चौपाई है,
सियाराम नाम जपते रहना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
जगती में मूल तत्व क्या है?
राम नाम का महत्व क्या है?
संघर्ष में राम रामत्व क्या है?
संकट में जब तुम फंसना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।
हर समाधान मिल जाता है,
कोई प्रश्न ठहर नहीं  पाता है,
बस राम ही राम सुहाता है
श्री राम है वाणी का गहना,
प्रिय तुम रामचरितमानस पढ़ना।।

गुरुवार, 8 जून 2023

द्वाराहाट गांव के नाम

द्वाराहाट.....गौं क् नौं
बिन्ता भतौरा 
सुरना सटोरा
कामा कनोगूं 
इडा   डूडोगूं
बाड़ि धमोली
सुनोली किरोलीuh
छतिणा असगोली
भनरगौं पिनोली
सलना वलना बसेरा 
हाट बासूलीसेरा
मैनारि खकोली
दैरी आगर बैड़ी
रणा कुणा कुई  मेनोई
बयाव बैडती पान
तली मली  मिरयी
जाख    बैनाई
छतिणा   छतगुल्ला
नौकोट  पारकोट 
मटेला   हथिखुर
बिदेपुर  बिजपूर
बग्वाली पोखर
गोडगूं। पोखरी
नागार्जुन  कहाली
कौंव। भगतोला
पनखुई दूनागिरि उदेपुर होला
बताओ नानो तुम कति रौला!!!  Jsk

और लै छन ऐल याद निओ राय
बाकिं  दुरहटी बताया  ...गौं क नौ

अन्तर्मन की बात


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धारावाहिक
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अन्तर्मन की बात-

मन के बाजारों में भटकने वाले कभी हृदय की गलियों में भी घूमा करो ।
जिसके कारण यह सुन्दर जीवन पाया कभी उनके चरणों को भी चूमा करो ।

मतवालीआँखों से सब सुन्दरता देखी कभी मन की आँखों से देखा करो ।
मदमाते अधरों से खूब रसपान किया कभी दो बोल प्रेम से बोलो दिया करो ।

भगवान की पूजा करने वाले हाथों से किसी असहाय को भी कभी सहला दिया करो ।
सुख वैभव से मन को बहलाने वाले कभी किसी व्यथित मन वाले को बहला दिया करो ।

अपनी ही बड़ाई करने वाले दूसरों की करनी कथनी को भी कभी अच्छी बता दिया करो।
अपने ही गुणगान का पाठ करने वाले कभी प्रभू के भजन सुना दिया करो ।
🌷
बहुत बहुत शुभकामनायें।🌷👍🙏

बुधवार, 7 जून 2023

श्री श्ंकर दत जोशी जी की पर्यावरण पर कविता

💐कैमरे के सामने 💐
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आज फिर कैमरे के सामने 
पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा ।
मंत्री जी पेड़ लगाएंगे 
पेड़ को बकरा खाएगा 
बकरे को मंत्री जी द्वारा 
शाम को खाया जाएगा ।
आज फिर कैमरे के सामने 
पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा ।
सड़क पर कूड़ा डाला जाएगा 
नेताओं द्वारा झाड़ू लगाया जाएगा  ।
कैमरे वालों के जाते ही 
झाड़ू वहीं पर सड़ेगा !
झाड़ू को कीड़ा खाएगा ।
आज फिर कैमरे के सामने 
पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा ॥.
देश के नाम संदेश होगा !
प्रदेश के नाम संदेश होगा !
और संदेश शहर शहर घूमेगा 
रात के होते होते बेचारा संदेश 
कूड़े के ढेर में खो जाएगा ।
आज फिर कैमरे के सामने 
पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा ॥
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"शंकर दत्त जोशी "

सोमवार, 5 जून 2023

शंकर दत जोशी जी पर्यावरण कविता

आने वाले समय में
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हो सकता है आने वाले समय में
बादल बरसों बाद बरसें
और हम पानी के लिये तरसें
या रोज बरसात हो
महीनों बाद सूरज से मुलाकात हो
जंगल किताबों में मिलैं
शेर बाघ ख्वाबों मैं मिलें
जंगलों के जलते जलते
बुरांश इतिहास बन जाय!
और काफल सिर्फ का फल? रह जाय
आने वाले समय में हो सकता है
हिमालय पिघल के गंगासागर को चल दे
नदी नाराज होकर अपना रास्ता बदल दे
हो सकता है आक्सीजन वायुमंडल को
बाय बाय कर जाय।
और सांस लेने को केवल
कार्बन डाइ आक्साइड रह जाय
हो सकता है जनसंख्या यों ही बढ़ती जाय
और जंगल घटते जाय
लोगों को छतों मैं फसल उगानी पड़े
एक टाइम रोटी बने और दस टाइम खानी पड़े
हो सकता है डीजल पेट्रोल सूख जाय
और महंगी कार वालों का घमंड टूट जाय
एक दिन में कई बार बादल फटें
हो सकता है पहाड़ अपनी जगह से हटें
हम हर बार पेड़ लगाते हुए फोटो खींच
पर्यावरण दिवस मनाने का नाटक करें
नेताओं की धुआं छोड़ती गाड़ियां
सीएफसी की चिमनी लगी अटारियां
सब खतरों से बचना है तो
अभी समय है आगे आओ
आने वाली नश्लों के लिये
 अपना पर्यावरण बचाओ।।
अगर पर्यावरण बचाना है तो 
जनसंख्या पर रोक लगानी है
प्रकृति पर दबाव घटाना है तो
जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना है
नीति निर्माताओं सावधान!
तुम्हारे लाड़ले तब राजनीति करेंगे
जब वो जिंदा रह सकेंगे ।
अब तो बात गले तक आई
पर्यावरण दिवस की बधाई।।

*********शंकर जोशी ********