🙏🏻प्रस्तुत छ कुछ कुमाऊनी दोहै
म्येरि भय बाधा हरिया हे गोल्ज्यू महाराज
कुमाऊनी दोहे पढ़ लिया विचार कर ल्या आज
हिन्दी हू प्यार छ कुमाऊनी हू परहेज
माथ बे इंडियन देखिरई
भतेर बै अंगरेज
अंधविश्वास मे घेरि रई इच्छा तोडि़ मरोडिं
निक्मबिल बनी रई घरोंक काम काज छोडि
अंध धर्म विश्वास मे फस गो इन्सान
निर्जीवों के मार बे बन गो हैवान
अगर चुनावी वैद पूर कर दयेली सरकार
इंतजार क मौज सब है जाल बेकार
अगर लिरों कर्ज तो क्यै छ इमें हर्ज
जधिन मिलल तुमुकें माग ल्या पूराण कर्ज
आपण स्वारथ साधिबैर जनता के दिनी कष्ट
भष्ट्र आचरण करनी जो उ नेता हूनी भष्ट्र
कलम क गलती माफ करिया
दिल दुखुणक विचार न्है
दोहे भाल लागला तो शेयर करणि मददगार चै
धन्यवाद