सोमवार, 11 नवंबर 2019

कुमाऊनी दोहे

🙏🏻प्रस्तुत छ कुछ कुमाऊनी दोहै 

म्येरि भय बाधा हरिया हे गोल्ज्यू महाराज

कुमाऊनी दोहे पढ़ लिया विचार कर ल्या आज

हिन्दी हू प्यार छ कुमाऊनी हू परहेज
माथ बे इंडियन देखिरई
भतेर बै अंगरेज

अंधविश्वास मे घेरि रई इच्छा तोडि़  मरोडिं
निक्मबिल बनी रई घरोंक काम काज छोडि

अंध धर्म विश्वास मे फस गो इन्सान 
निर्जीवों के मार बे बन गो हैवान

अगर चुनावी वैद पूर कर दयेली सरकार
इंतजार क मौज सब है जाल बेकार

अगर लिरों कर्ज तो क्यै छ इमें हर्ज
जधिन मिलल तुमुकें माग ल्या पूराण कर्ज

आपण स्वारथ साधिबैर जनता के दिनी कष्ट
भष्ट्र आचरण करनी जो उ नेता हूनी भष्ट्र

कलम क गलती माफ करिया
दिल दुखुणक विचार न्है
दोहे भाल लागला तो शेयर करणि मददगार चै


धन्यवाद

बुधवार, 6 नवंबर 2019

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 सबै ईष्ट मित्रों कै दिवाई हार्दिक शुभकामनॉए।।🙏🏻

एक दिवाई रात एक दी हू है मुलाकात

पूछों विक इठलाति टिमटिमाती लौ हू

तुमार अनुसार क्ये मायनै छू य दिवाई क

विल क जो अंधकार क एक टुकुड आपु मे समेै ल्यों

हाव बै लडबैर आपु हस्ति बचै ल्यों

यसिकै ही ईठलाति टिमटिमाती रो

उई जलणि वालि एक लौ  नाम छु दिवाई

जो भष्टाचार बै लडनैैक ताकत जुटे ल्यों

युवाओंक शक्ति कै आपणि ऊर्जा बनै ल्यों

जो कोई लाचार कै आपुण अंगाव लगै ल्यों

यसिकै दिलों मे दौडुणि वालि एक करुणा क नाम छु दिवाई

जो छोटि छोटि बातों मे छिपी खुशियों के पछ्याण ल्यों

यसिकै ही हर आत्मा मे बसणि वालि एक मासुमियतक  नाम छु दिवाई

जो हर दगडियोक दर्द के आपण बनै ल्यों

कोई दुश्मन के ले आपण दोस्त बनै ल्यों

यसिकै ही हर रिस्तों मे घुलऩि वालि एक मिठास क नाम छ दिवाई

जो चारों ओर फैली अंधकार,भय,निराशा,दर्द के जलै बैर --------
रौशनी,खुशी,मुस्कुराहट,आशा,इंसानियत,मानवताक सुविचारैक किरण फैलोणि वालि तुमरै जसै एक टिमटिमाती लौ नाम छु दिवाई ।।


शनिवार, 2 नवंबर 2019

म्यर पहाड़



           🏞म्यर पहाड़🏞

ओरे पहाड़ म्यर पहाड़
कतु भलि लागि त्यरि य ठण्डी बयार
त्यार काफों हिसाऊ घिगांर किलमोड़
खाहू मन करु बारबार

त्यार स्याप जास सड़क
शेरुक गीच जा पाणिक नोउक नल
ठण्ड मिट्ठ पाणिक लिजीक तरसू बारबार

बाटोंक बाट उबड़ खाबड़
बाटों मे पिरुवेक बहार
उ सिढिदार हांग
क्वे ठूल ठूल क्वे नान नांन

फरफराणि हावक जोर 
उ घुघुतीक मार्मिक शोर
सुणुहू मन करु बारबार
ओरे पहाड़ म्यर पहाड़

उ गोलू भूमियक मन्दिरक भेट पखोव

कतु भल लागू हरिया बाजाणिं स्योव

भात दगे पाऊवक काप भटाक डुबुक
खाण हू मन करु बारबार

ओरे पहाड़ म्यर पहाड़
आब तो सुण ले तु म्यरि पुकार

शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

य दिवाई लौटि आवों पहाड़



य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़

१ - अन्यार मे डूबी छ म्यर पहाड़
सार पहाड़म छ पलायनैक मार

बुड़ बाढियाक रोम रोम मे

मची छ आज चित्कार
य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़
तबै जगमगाल म्यर पहाड़

२- चिमोडि़  आखोंक ताव बटी
झिलमिल उज्याव ता़कें रों
द्वि  र् वटाक क खातिर मे
पहाडो़ं के छोडि जाणो
ईज बोज्यूक प्यार दुलार
य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़ ।
बुड बाढियों के भेटि आला खे जला च्यूडूक त्यार

३-हवाई तवाई छोडी बे
पकड़ ल्यों जीब कार
लौटि आवों तुम पहाड़
अलबैर मिलबैर मनूल
दिवाईक य पावन त्यार।
य दिवाई लौटि आवों म्यर पहाड़

जय जय देवभूमि
जय जय उत्तराखण्ड
ज़य जय पहाड़

दिवाई हार्दिक शुभकामनॉओं सहित