*बैशक आज हमर कैलैंडर बदली गो
ना तो ऋतु बदल ना मौसम बदल
ना पेडोंक पत्त बदल र
ना पेडोंमे ए रो पौ
31st मनूहू डान डानै दौडें र
ना तो ठण्ड हावक रुख बदल
फिर ले हम खुद कै बदलते जारु
क्यें कूणे य धरा हमूहू ना हम सूण पारु
जब य धरा आपूण वर्ष पूर करेलि
प्रकृति हमूहू इत्रे ईत्रे बे कोलि
नो पत्त पौ फूलोंक चूनर ओढेलि
चाढ चहचहाल पक्षी गुनगुनाल
जब धरा मे नई ऊर्जाक संचार होल
तब समझ जया नई साल ऐगों
किलेकी तबै नो फसल कटेलि
जब फूलदेई नवरात्रि मनेलि
तबे नई सालेक सौगात मनेलि*
२०२०प्रशासनिक नव वर्ष क आपू सबू के हार्दिक शुभकामनाए
कविता- देवेन्द्र सती
पपनैपुरी बटि