गौ घरों मे आजकल भौतें बानर आरि!
निब्मू माल्टा बौटों के हिलें जारि!
घरोंक द्वार खुली रे गया रव्टा के स्टकै लिल्हें जारि!
माल खेतम बै हूलर बेर तलि खेतम लूकी जारि!
गुणि बानर हकूनें हाट भाट स्वैरि जारि!
यई बहानैल हमार बाट घ्वैटों क धूंग लै चाणि जारि!
सव्क बौटक टुकम बै हमूकैं चै रारि!
क्वैं नि देखो ख्व पन चट्ट ऐ जारि!
हमर TV क डिसो के ले हिले जारि!
एक काम आजि बढें जारि!
एकलू बानर घर मे ऐ बैर कुकुर कै थपणैं जारो!
भौटी कुकुर पूछण दबै बैर भिते र लूकी जारो!
एकलू घर मा बूढ़ बाडियों क नौराट
धूरि पन बानरों क खुखाट हैरो!
गुणि बानर दैख बैर एक हिन्दी गीत याद ऐ जारो!
(*दिल का रिश्ता बडा़ ही प्यारा है*)
बानरों का उजाण भौतें ही ज्यादा है!
भौटी कुकूर शेरु ले हमारा है!
हम तो एक दूसरे से डरतें है!
मैरी पालकों हासणूं को चुनकर!
खैत बाज य कराया है!
सव्क टूकम जै बैर जो हमूकें नाच नचाया है!
तुमूकें देखि बैर हमर शेरु ले सरमाया है!
जथा चानूं उथां तुमि तुम छा!
और नजारों मे क्या नजारा है..!@देव सती पहाडी़ बटोही