गुरुवार, 27 जनवरी 2022

ईजा

Nice poem : Author Unknown :

 ईजा भक्ति में कुछ पंक्तियाँ... 

पहाडूँ की देवीक रूप छू ईजा,
गर्मी में छाया जाड़ान में धूप छू ईजा 
ईजा छू तो उज्याव छू अन्यार में,
ईजा छू तो हँसी छू परिवार में।।

ईजा छू त झोई भात छू,
ईजा छू त चुड़कानि में स्वाद छू,
ईजा छू त बुराँस में रंग छू,
ईजा छू तो त्यार वारन में उमंग छू।। 🙏🏻🙏🏻

ईजा छू तो हर दु:ख दूर छू,
ईजा घरैकि छत व धूर छू,
ईजा गंगोत्री छू,ईजा यमुनोत्री छू,
ईजा सबैनकै एक राखिनी छत्री छू।। 🙏🏻🙏🏻

ईजा यमुना छु,ईजा गंगा की धार छू,
सच जब तक ईजा छू तब तक परिवार छू,
ईजा सत्यनारायणज्यू की काथ छू,
ईजा छू तो दूर हर व्यथा छू।। 🙏🏻🙏🏻

बँजानी धुराको धारा छू ईजा,
चाँद,सूरज,ध्रुबतारा छू ईजा,
ईजा छू तो म्यार बाट साफ छू,
ईजा छू त मेरि हर गल्ती माफ छू।। 🙏🏻🙏🏻

ईजा तपस्या छू,ईजा भक्ति छू,
सच ईजाक आशीश में भौतै शक्ति छू,
ईजा तूँ छै त खेतों में हरियाली छू,
ईजा तू छै तो साल भर धिनाली छू।। 🙏🏻🙏🏻

घरौक श्रिंगार तू छै ईजा,
खुशी की बहार तू छै ईजा,
ईजा तू छै त काँणा ले फूल छन,
ईजा तू छै तो ढूँगा ले धूल छन।। 🙏🏻🙏🏻

तेरी उमर लम्बी है जा ईजा,
तेरा हाथ म्यार ख्वार में रौ ईजा,
ईजा तू छै तो खेतन में हरियाली छू,
ईजा तू छै तो साल भर धिनाली छू।।

सादर ||

तिलक

*महिमा भारी तिलक की , को कर सके बखान |*
*आप तिलक को मानिये , श्री विष्णू भगवान ||*
*जिसके माथे पर तिलक , की होती है छाप |*
*भूत प्रेत ही दूर से , भग जाते चुपचाप ||*
*माथे की शोभा तिलक , तिलक हमारी शान |*
*बिना तिलक माथा लगे , बिल्कुल ही सुनसान ||*
*तिलक करे परिवार को , शक्ति शांति  प्रदान |*
*आप लगाकर देखिये , हो जाये कल्याण ||*
*तन मन को शीतल करे , ये चंदन की छाप |*
*कट जाते है लगाते , जन्म जन्म के पाप ||*
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*तिलक लगाने से मिले , बुद्धि ज्ञान  सम्मान |*
*तिलक हमारे धर्म की , होती है पहचान  ||*
*वैष्णव  जन के तिलक में , विष्णु लक्ष्मी निवास |*
*इसीलिये इस तिलक की , महिमा सबसे खास ||*
*बिना तिलक होता नहीं , कोई पूजा पाठ |* 
*तिलक लगायें आप सब , सदा रहेंगा ठाठ ||*
   
     🙏 *!! जय श्री कृष्ण !!* 🙏