मंगलवार, 3 सितंबर 2019

सैणी बगैर मैस छन बैकार

सैणिक  बगैर मैंस छन बेकार

मैंसो  कै हमेशा सैणियुक दगड़  चै

चाहै  मन्दिर मे हो या य दुणि संसार मे

मन्दिर मे>>>>>>>>
कृष्ण दगड़  मे राधा
राम दगड़ सीता
शिवज्यू  दगड़  पार्वती

य दुणि मे>>>>>

पढ़न तका  विद्या
आजीविका हेतु लछ्मी
और अंत मे चै शांति

दिनैक  शुरुआत मे>>>>>
ऊषा

दिनैक  समाप्ति सन्ध्या

काम तो अन्नपूर्णा लि जी

रात निशा निंदिया रानी दगड़ मे

सितणक बाद सपना

मंत्रोचार मे गायत्री

ग्रन्थ मे गीता

मंदिरो मे भगवानुक  सा मणि>.>
वंदना,पूजा, अर्चना, आरती,आराधना,और ले यू सब श्रद्धा क दगड़ मे

अन्यार  मे ज्योति

यकेले  मे स्नेहा

लड़े मे जया ,विजया

बुढ़ापा मे करुणा ,ममता

गुस्स  मे छमा 

येक लिजी  तो धन्य छु स्त्री जाति

मिकै  आशा छु आपु लोग म्यरि भावना समझ गो हनला  !!!!